
सम्पादक-कमलेश त्रिवेदी की खबर
जगदलपुर, 11 अप्रैल 2025।
बस्तर जिले के औषधि विभाग में पदस्थ ड्रग इंस्पेक्टर सौरभ जैन पर शासन की प्रक्रिया की अनदेखी और अभद्र व्यवहार का आरोप लगाते हुए पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ के बस्तर जिला सचिव ओम साहू ने जिला कलेक्टर श्री एस. हरीश को एक गंभीर शिकायत पत्र सौंपा है।
ज्ञापन में बताया गया कि ओम साहू ने ड्रग लाइसेंस हेतु सभी आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ आवेदन करने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें लगातार दस दिनों तक “कल आओ” कहकर टाल दिया गया। आज जब वे पुनः कार्यालय पहुंचे, तो ड्रग इंस्पेक्टर सौरभ जैन अनुपस्थित थे। वहां मौजूद कर्मचारी द्वारा फोन पर जानकारी लेने पर सौरभ जैन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि,
“उसका एप्लिकेशन मत लेना, अगर लोगे तो वापस करवा दूंगा, रिसीविंग मत देना।”
जब ओम साहू ने इसका विरोध किया, तब सौरभ जैन स्वयं कार्यालय पहुंचे और दो टूक कहा:
“जो करना है कर लो, ऑनलाइन अप्लाई करो, मेरे ऑफिस मत आना। अगर आवेदन करोगे तो वापस कर दूँगा।”
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर ओम साहू ने कलेक्टर को बताया कि यह न केवल प्रशासनिक व्यवस्था का उल्लंघन है, बल्कि यह एक प्रकार का मानसिक उत्पीड़न और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। उन्होंने यह भी कहा कि आवेदनकर्ता होने के नाते उनका अधिकार है कि वे तय प्रक्रिया के तहत आवेदन जमा करें और उसकी रिसीविंग लें, लेकिन उनके साथ किया गया व्यवहार अत्यंत आपत्तिजनक था।
जब ओम साहू ने विरोध जताया तो उन्हें कार्यालय से बाहर निकाल दिया गया। उन्होंने बताया कि
“ड्रग इंस्पेक्टर का यह कहना कि यह मेरा ऑफिस है और तुम्हें जो करना है कर लो, सरकारी दायित्व के खिलाफ और घोर अनुशासनहीनता का मामला है।”
इस पूरे प्रकरण को लेकर ओम साहू ने सीएमओ डॉ. संजय बसाक और स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल को भी लिखित शिकायत पत्र भेजकर तत्काल जांच और कार्रवाई की मांग की है।
इस बीच, जब सहायक औषधि नियंत्रक (एडीसी) महेश नागवंशी से संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने फोन उठाना भी जरूरी नहीं समझा, जिससे शिकायतकर्ता को और निराशा हाथ लगी।
स्थानीय नागरिकों ने भी आरोप लगाए हैं कि संबंधित अधिकारी फील्ड ड्यूटी का हवाला देकर कार्यालय से अक्सर अनुपस्थित रहते हैं और आम जनता को आवेदन प्रक्रिया में अनावश्यक रूप से उलझाते हैं।
इससे पहले प्रकाशित एक समाचार में भी यह उजागर किया गया था कि —
“ड्रग विभाग में गड़बड़ियाँ, अधिकारी फील्ड के नाम पर नदारद”
— इस प्रकार के आरोपों की पुष्टि करता है।
वहीं, बीजेपी नेता सुशांत ने प्रशासन से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा:
“शासन की मंशा जनता को पारदर्शी और जवाबदेह सेवाएं देना है, लेकिन ऐसे मामले उस मंशा को चोट पहुंचाते हैं।”