
जगदलपुर। शासकीय काकतीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जगदलपुर में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर डॉ. अंबेडकर के विचारों, जीवन संघर्ष और सामाजिक योगदान पर गहन चर्चा की गई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनपद सदस्य श्री जशकेतन जोशी ने कहा, “संविधान केवल कानून की किताब नहीं, बल्कि समाज सुधार का आईना है।” उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने एक ऐसे समाज का सपना देखा जहाँ सभी को समान अधिकार मिलें, और यह संविधान उसी सोच का प्रतिरूप है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे अंबेडकर के विचारों को आत्मसात करें और सामाजिक परिवर्तन में सक्रिय भूमिका निभाएं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एस. के. दत्ता ने की। इस अवसर पर भौतिक विभागाध्यक्ष प्रो. अभिषेक बाजपेई, भूगर्भविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. ए. एस. झा, वनस्पति विभागाध्यक्ष डॉ. तूणीर खेलकर, इतिहास विभागाध्यक्ष सी. पी. यादव एवं विधि विभागाध्यक्ष डॉ. मोहन सोलंकी मंच पर उपस्थित रहे।

डॉ. सोलंकी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए डॉ. अंबेडकर के जीवन, शिक्षा और समाज सुधार के प्रयासों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डॉ. अंबेडकर ने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से उच्च शिक्षा प्राप्त की और भारत में समानता, न्याय और स्वतंत्रता के लिए ऐतिहासिक कार्य किए।

अन्य वक्ताओं में:
सी. पी. यादव ने गोलमेज सम्मेलन में अंबेडकर की भूमिका बताई,
डॉ. खेलकर ने महिलाओं के लिए उनके कार्यों को रेखांकित किया,
प्रो. झा ने उनके जीवन संघर्षों को बताया,
प्रो. बाजपेई ने अंबेडकर को पढ़ने और उनके विचारों को जीवन में उतारने की बात कही।
प्राचार्य डॉ. एस. के. दत्ता ने संविधान की विशेषताओं पर बोलते हुए कहा कि भारतीय संविधान एक संतुलित दस्तावेज़ है, जिसमें कठोरता और लचीलापन दोनों हैं। उन्होंने इसे एक ‘जीवंत संविधान’ बताया, जो समय के अनुसार बदलाव की अनुमति देता है।
एलएलबी प्रथम वर्ष के छात्र शिवदास ने डॉ. अंबेडकर के जीवन से जुड़ी प्रेरक घटनाओं को साझा किया। अंत में श्रीमती चंद्रप्रभा कोशरे ने आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्राध्यापकगण – प्रो. दिनेश दिवाकर, डॉ. शोएब अंसारी, डॉ. सियालाल नाग, हिमांशु मिश्रा, रिचा सिंह, स्मृति साहू, राकेश दरिया, गीता सिंह, तुलसा मरकाम सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
जनपद सदस्य जशकेतन जोशी की उपस्थिति और उनके प्रभावशाली विचारों ने कार्यक्रम को एक नई ऊंचाई प्रदान की, जिससे संविधान, सामाजिक न्याय और डॉ. अंबेडकर के मूल्यों के प्रति सभी में नई चेतना का संचार हुआ।